IC Moneymart का बिहार और झारखंड की ओर विस्तार – लक्ष्य: “हर घर इन्वेस्टमेंट”

कोलकाता स्थित वेल्थटेक कंपनी IC Moneymart अब पूर्वी भारत के दिल, बिहार और झारखंड, में अपने कदम बढ़ा रही है। इसकी सोच स्पष्ट है – हर भारतीय परिवार तक निवेश की ताकत पहुँचानी है।
निवेश को हर घर तक पहुँचाने का सपना
2018 में स्थापित, IC Moneymart केवल एक म्यूचुअल फंड प्लेटफ़ॉर्म नहीं है, बल्कि यह एक आंदोलन है। एक ऐसा आंदोलन जो मानता है कि निवेश करने का अधिकार केवल मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं होना चाहिए।
कंपनी अब तक देश के कई B30 शहरों (जो टॉप 30 शहरों से बाहर हैं) में निवेशकों को सक्षम बना चुकी है, और अब इसका अगला चरण है – बिहार और झारखंड के कस्बों, गाँवों और छोटे शहरों तक पहुँचना।
“हर घर इन्वेस्टमेंट” – एक विज़न, एक मिशन
IC Moneymart का मिशन है कि निवेश एक आम घरेलू आदत बने। जैसे लोग सोने, LIC या फिक्स्ड डिपॉज़िट में पैसा लगाते हैं, वैसे ही अब म्यूचुअल फंड में भी आत्मविश्वास के साथ निवेश करें।
“वित्तीय सशक्तिकरण सिर्फ मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं होना चाहिए। हमारा विज़न है कि हर परिवार—हर आम नागरिक—अपने भविष्य को निवेश के ज़रिये मजबूत करे। बिहार और झारखंड हमारे लिए केवल नए मार्केट नहीं हैं, ये हमारे मिशन का केंद्र हैं,“
— अंकित चक्रवर्ती, संस्थापक एवं सीईओ, IC Moneymart
स्थानीय पार्टनरों के साथ मिलकर आगे बढ़ना
इस विज़न को ज़मीन पर उतारने के लिए IC Moneymart बिहार और झारखंड में स्थानीय पार्टनर्स, CA, टैक्स कंसल्टेंट्स, बीमा एजेंट्स और युवा उद्यमियों को जोड़ रहा है।
कंपनी एक Phygital मॉडल (फिजिकल + डिजिटल) पर काम करती है, जिससे पार्टनर अपने ग्राहकों को डिजिटल टूल्स के ज़रिये रियल टाइम निवेश सेवाएं दे सकते हैं।
क्यों है ये कदम ज़रूरी?
• वित्तीय जागरूकता: बिहार और झारखंड में आज भी लोग पारंपरिक बचत उपायों पर निर्भर हैं। IC Moneymart उन्हें म्यूचुअल फंड के माध्यम से जागरूक और आत्मनिर्भर बना रहा है।
• रोज़गार निर्माण: 500+ नए निवेश सलाहकारों को जोड़ने का लक्ष्य, जो न केवल लोगों को गाइड करेंगे बल्कि स्वयं भी एक व्यवसाय खड़ा करेंगे।
• सरल तकनीक: मोबाइल ऐप और क्षेत्रीय भाषा में कंटेंट के माध्यम से निवेश अब सबके लिए सुलभ है।
आगे का रास्ता
कोलकाता से शुरू होकर आज IC Moneymart एक भरोसेमंद नाम बन चुका है। बिहार और झारखंड में यह केवल एक कंपनी के विस्तार की बात नहीं है, यह भारत के आम नागरिक को निवेश के ज़रिये सशक्त करने की दिशा में एक ठोस कदम है।
“जब तक हर भारतीय परिवार में वित्तीय योजना की समझ और निवेश की हिम्मत नहीं होगी, तब तक हमारा सफर अधूरा है।”